दूसरे विश्वयुद्ध के समय ऐनी फ्रैंक नाम की बच्ची ने लिखी डायरी, बाद मे
नाजियों के कब्जे के बाद यहूदी होने की वजह से एम्सटर्डम में छिपकर रह र
डायरी में लिखी छिपकर रहने के दौरान बिताई गई जिंदगी. 13वें जन्मदिन पर त
ऐनी फ्रैंक ने 12 जून 1942 से 1 अगस्त 1944 तक लिखी डायरी. 4 अगस्त 1944 को 8 लोगों के स
12 मार्च 1945 को हुआ था ऐनी फ्रैंक का निधन. महज 13 साल की उम्र डायरी लिखना कि
ऐनी फ्रैंक के पिता ओटो फ्रैंक ने पहली बार 1947 में छापी थी डायरी. बाद में
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ऐनी ने डायरी में अपनी पहली एंट्री में लिखा ''मुझे उम्मीद है मैं तुमको
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